भारत में अब लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होंगी।इसके लिए बुधवार 15 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट में कानून में बदलाव वाले बिल को मंजूरी दे दी। इसके लिए 15 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में कहा था की बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए उनकी शादी उचित समय पर होना चाहिए। और तभी से पूर्व सांसद जया जेटली की अध्यक्षता में टॉस्क फोर्स का गठन किया गया। वर्तमान में बेटियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल और लड़कों की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष है। इस कानून में संशोधन के बाद लड़कों और लड़कियों की उम्र बराबर हो जाएगी।
लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होने के फायदे।
- लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होने से कुपोषण की समस्या कम हो जाएगी।
- नार्मल डिलेवरी होंगी जिससे गर्भवती माताओं की मृत्यु दर में कमी आयेगी।
- बेटियों को कम से कम ग्रेजुएट तक पड़ने का मौका मिलेगा।
- बेटियाँ ( लड़कियाँ ) शादी के बारे में अच्छी तरह समझ पायेंगी।
- जानकारों के अनुसार बेटियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होने से जनसँख्या नियत्रण में योगदान मिलेगा क्योकि लड़की समझदार होने से उन्हें कब बच्चा चाहिए कब ना चाहिए वे अच्छा फैसला ले पायेगी।
लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर समाज की धारणाएं
आज भी लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर समाज की धारणाएं मजबूत है। वे सोचते है की शादी का रिस्ता लड़को के हिसाब से चलता है। आज भी समाज में लड़के की उम्र से ज्यादा उम्र की लड़की से शादी नहीं करते। और सोचते है की अगर लड़के की उम्र से ज्यादा उम्र की लड़की से शादी होंगी तो लड़की लड़के से पहले बूढ़ी हो जाएगी। समाज ये भी सोचते है की कम उम्र की लड़की ससुराल वालो के अनुसार चलेगी ( कहना मानेगी )।
लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम उम्र 21वर्ष होने पर आपकी क्या राय है हमें कमेंट में बताये ।
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