आजकल हम तेजी से डिजिटल दुनिया की और बढ़ते जा रहे है और कंप्यूटर और इंटरनेट पर आत्मनिर्भरता भी बढ़ती जा रही।दुनिया के किसी भी स्थान या वस्तु की जानकारी पल भर में मील जाती है। इंटरनेट पर ऐसी कई वेबसाइट और App है जिनके सर्वर विदेश में है। ऐसे में साइबर अपराध ( Cyber Attack ) होना भी स्वाभाविक है। कंप्यूटर और इंटरनेट के द्वारा होने वाले अपराध को साइबर अपराध ( cyber crime ) कहते है इसे इलेक्ट्रॉनिक अपराध भी कह सकते है। ये अपराध जैसे -
- इंटरनेट के माध्यम से जबरन वसूली करना।
- पहचान की चोरी करना।
- क्रेडिट कार्ड की कॉपी करना।
- कंप्यूटर से किसी के व्यक्तिगत डाटा हैक करना।
- फिशिंग व अवैध Downloading करना।
- साइबर स्टॉकिंग करना।
- वायरस से हमला करना।
सॉफ्टवेयर की चोरी भी साइबर अपराध की श्रेणी में आता है। भारत की बड़ी आबादी सोशल नेटवर्किंग साइट का उपयोग करती है और Covid-19 महामारी के लॉकडाउन के कारण Online Shoping ,Social Network, Data Store , Gaming, Online Study और Online Study जैसी activity बड़ी है। जिसके कारण साइबर अपराध भी बड़े है। साइबर अपराध को हम दो प्रकार से समझा सकते है।
2 type Of Cyber Crime
- इस प्रकार के साइबर अपराध में ( hackers ) कंप्यूटर पर हमला किया जाता है जैसे -कंप्यूटर हैकिंग ,वायरस से हमला और कंप्यूटर के Dos पर हमला करना।
- इस प्रकार के साइबर अपराध में कंप्यूटर को एक हथियार या उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर साइबर आतंकवाद ,IPR उल्लंघन ,क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी ,EFT धोखाधड़ी ,पोर्नोग्राफी जैसे अपराध किये जाते है।
व्यक्तिगत अपराध - किसी की पहचान चोरी करना ,फिशिंग और साइबर स्टाकिंग व्यक्तिगत साइबर की श्रेणी में आते है।
सरकार के विरुद्ध अपराध - ये अपराध आतंकवाद और दूसरे देश की दुश्मन सरकारे करती है इसमें देश की संप्रभुता को ठेस पहुँचता है।
भारत में साइबर अपराध के विरुद्ध कानून
'Cyber Law' शब्द का उपयोग साइबर स्पेस अर्थात इंटरनेट के उपयोग से सम्बंधित क़ानूनी मुद्दो पर बात करने के लिए किया जाता है जैसे बौद्धिक संपदा गोपनीयता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अधिकार जैसे क़ानूनी मुद्दे शामिल है। भारत में साइबर अपराधों को कम करने और इनसे निपटने ( Cyber Security ) के लिए विभिन्न शहरों में आपराधिक जांच विभाग खोले गए है। जहां पर शिकायत कर सकते है भारत सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम ( IT Act ) कहता है की आप किसी भी साइबर सेल में शिकायत दर्ज कर सकते है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 और भारतीय दंड संहिता 1860 बाल पोर्नोग्राफी के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। IPC की धारा 354 A के अनुसार सोशल मीडिया पर भद्दे कमेंट पोस्ट करने वाले लोग इस कानून के तहत अपराधी होते है इसमें उन्हें एक साल की जेल और जुर्बाना भी हो सकता है इसके आलावा महिलाओं की इच्छा के विरुद्ध अश्लील पोस्ट मैसजिंग सामग्री या सेक्सुअल रिक्वेस्ट करना इस धारा के तहत 3 साल की कैद भी हो सकती है।
साइबर सेल में शिकायत करने से पहले क्या करें
साइबर सेल में शिकायत करने से पहले आप उन सभी लोगो की सूचि बना ले जिन्हे आप रिपोर्ट करना चाहते है। उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए सबूत के रूप में वर्चुअल जानकारी इकठ्ठा करें जैसे -Url ,यूजर name ,वल्गर कंटेंट्स ,पोस्ट और कमेंट का स्क्रीनशॉट जरुरत पड़ने पर साइबर सेल को Email कर दे।
साइबर अपराध से हम कैसे बच सकते है
सोशल मीडिया पर कई छोटी-छोटी जानकारियों को ध्यान रखकर हम साइबर अपराध से बच सकते है जैसे -
- किसी अनजान व्यक्ति को कभी भी अपनी OTP न दें।
- किसी अनजान वेबसाइट पर विजिट न करें। हमेशा Https: वेबसाइट पर ही विजिट करे।
- हो सके तो VPN कनेक्शन ही इस्तेमाल करे।
- किसी अनजान ईमेल पर भेजी गई लिंक पर क्लिक न करें।
- सोशल साइट और अपने Email के पासवर्ड मजबूत रखे और नियमित बदलते रहे।
- अपने कंप्यूटर या डिवाइस को अपडेट रखे साथ में एंटीवायरस को ऑटो अपडेट मोड में रखे।
- Pirated Windows और Crack software उपयोग न करे हमेशा Genuine ही उपयोग करे।
- हमेशा अपना खुद का इंटरनेट use करे पब्लिक WiFi का उपयोग सावधानी से करे।
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