मदर टेरेसा ( Mother Teresa )का का जन्म 26 अगस्त 1910 को उसकुब उस्मान साम्राज्य जिसे आज सोब्जे मेसीडोनिया में हुआ था । मदर टेरेसा प्रेम की प्रतिमूर्ति थी। जब वे 8 साल की थी तभी उनके पिता निकोला का देहांत हो गया था परिवार में वह पांच भाइयो में सबसे छोटी थी । बचपन से ही वह मानव सेवा के प्रति सजग थी। और पढ़ाई के साथ साथ उन्हें गाना गाना काफी पसंद था ।जब वे 18 साल की हुई तब उन्होंने सिस्टर्स ऑफ लोरेटो में शामिल होने का फैसला कर लिया । और वे आयरलैंड जाकर अंग्रेजी भाषा सीखी ।सिस्टर टेरेसा पुनः आयरलैंड से 6 जनवरी 1929 को कोलकाता के लोरेटो कॉवेन्ट आ गई और एक शिक्षिका का कार्य किया किन्तु उनके अस पास काफी लोगो की गरीबी ,लाचारी और तिरस्कृत को देख कर वह विचलित रहती थी।1943 में आये अकाल में काफी लोग भुखमरी के शिकार हुए मदर टेरेसा ने उनकी सहायता की 1946 में हिन्दू मुस्लिम दंगो से काफी लोग गरीब और असहाय हो गए मदर टेरेसा ने उनकी सहायता की।
1946 में ही मदर टेरेसा ने गरीबो , लाचारों ,असहाय और बीमारो की सहायता के लिए पटना के होली फेमिली हॉस्पिटल से आवश्यक नर्सिंग ट्रेंनिंग की । वे भारतीय न होने के बाद भी भारत मे महान कार्य किया। मदर टेरेसा के इन्ही मानव कल्याण के लिए उन्हें 1970 में शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया । वही 1980 में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया ।उन्हें कई अंतरास्ट्रीय सम्मान भी दिया गया। वे 19 वर्ष की उम्र में भारत आई कोलकाता उनके लिए खास था ।कोलकाता में ही 5 सितंबर 1997 को हार्ट अटेक से उनका देहांत हो गया ।भारत मे उन्होंने रवीन्द्रनाथ टेगोर से भारतीय संस्कृति सीखी ।
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