दुनिया की सबसे ऊंची छोटी माउंट एवरेस्ट ( Mount Everest ) की संशोधित ऊंचाई 8848.86 मीटर है यह हिमालय का ही हिस्सा है। नेपाल और चीन के एक साल के सर्वे में ये पाया गया की 66 साल बाद माउंट एवरेस्ट की उचाई 86 सेंटीमीटर बड़ गई है। 2015 में नेपाल में आये विनाशकारी भूकंप के बाद ये अनुमान लगाया जाता रहा कि एवरेस्ट शिखर की ऊँचाई में वृद्धि हुई है इसकी उचाई अब 2020 में नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवली और और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने संयुक्त रूप से इसकी उचाई की गणना की है और कहा कि इसकी उचाई अब 8848.86 मीटर है । सर्वे ऑफ इंडिया ने 1855 ई. और 1956 ई. में माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई माप चुके है पहली बार इसकी उचाई 8840 मीटर और दूसरी बार 8848 मीटर मापी गई थी वैज्ञानिकों के अनुसार इसकी उचाई हर साल 2 सेंटीमीटर बड़ रही है 1975 में इसकी ऊंचाई 8848.13 मीटर बताई गई थी । माउंट एवरेट को नेपाल में सागरमाथा के नाम से जाना जाता है और तिब्बत में इसे बर्फ की देवी के नाम से जाना जाता है।
माउंट एवरेस्ट पर सबसे पहले 1953 ई. में चढ़ने वाले व्यक्ति एडमंड हिलेरी (न्यूजीलैंड ) और तेनजिंग नोरगे ( नेपाल ) थे।माउंट एवरेस्ट पर दो आर चढ़ने वाले पहले व्यक्ति नोवांग गेम्बू जो कि तेनजिंग का भतीजा था । इन्होंने पहली बार 1963 ई. में अमेरिकी अभियान दल के साथ व दूसरी बार 1965 ई.में भारतीय अभियान दल के साथ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता पाई थी ।माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम महिला जुंको तबेई (जापान) थी जिन्होंने 1975 ई. में चढ़ने में सफलता प्राप्त की थी । व एवरेस्ट पर सबसे पहले 1984 ई. में चढ़ने वाली भारतीय महिला बछेन्द्री पाल थी ।
नेपाल और चीन ने संयुक्त रूप से माउंट सागरमाथा या झुमुलंगमा की नई ऊंचाई की प्रेस रिलीज़ की और अधिक जानकारी के लिए Click here
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