Corona virus चीन के वुहान शहर मे 31 दिसम्बर 2019 देखा गया तब से लेकर अभीतक इसकी कोई दवाई नही बनी है। दुनिया के कई वैज्ञानिक इसकी दवाई बनाने में लगे हुए है। इसी बीच मलेरिया के लिए दिए जाने वाली Hydroxychloroquine काफी पॉपुलर है। कई लोगो का मानना है की इस दवाई को लेने से कोरोना ठीक हो जाता है। ऐसे मे चीन,अमेरिका जैसे बहुत से देशो ने Hydroxychloroquine भारत से आयात करने की डिमांड रखी है। क्योकि भारत Hydroxychloroquine का सबसे बड़ा निर्यातक देश है।और भारत ने भी इस दवाई के निर्यात पर पाबन्दी हटा दी है यह दवाई who की सबसे आवश्यक दवाई की लिस्ट मे सम्मिलित है। who के अनुसार अभी तक इस दवाई का कोरोना के इलाज में कोई ऑथेंटिक प्रूफ नहीं है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अभी हल ही में भारत से इस दवाई की मांग की है।
यह दवाई सबसे पहले 1946 के दशक मे मलेरिया के उपचार के लिए बनाई गई थी इसके साथ ही साथ अर्थराइटिस और गर्भावस्थ मे जोड़ो मे दर्द के लिए ये दवाई दी जाती है। इसका ब्रांड नाम Plaquienil*200mg बाजार मे मिलती है। पहले इस दवाई का नाम Chloroquine था बाद में इसका नाम Hydroxychloroquine कर दिया गया अमेरिका मे ये 128 वी दवाई है जो सबसे अधिक बिकी और 1955 मे इसके प्रयोग को अनुमति दी।
Sideffect of Hydroxychloroquine
Hydroxychloroquine के गंभीर साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैजैसे - नॉक बहना , पेट में दर्द ,बार-बार शौच जाना ,डायरिया ,हृदय सम्बन्धी रोग ,पाचनतंत्र ख़राब होना और दिल का दौरा भी पड़ सकता है। इसलिए किसी भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लेना चाहिये। कभी भी घर पर इलाज न करे।
कोरोना की बिना दवाई के मरीज सही कैसे होते है
कोरोना की अभी तक कोई दवा नहीं बनी फिर भी डॉक्टर लक्षणों के आधार पर दवाई देकर मरीजों को सही कर रहे है वैज्ञानिको की माने तो इसकी दवाई 3 से 4 महीने मे दवाई बना ली जाएगी लेकिन तब तक कोरोना वायरस तेजी से फेल रहा। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने एडवाइजरी जारी कर कहा है की हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन जोखिम मे रहने वाले जैसे संदिग्ध और कोरोना पॉजिटिव को देख रहे डॉक्टर्स ,नर्स और स्वास्थ्यकर्मियों को दी जानी चाहिए।
Note : - बिना डॉक्टर्स की सलाह किसी भी दवाई का सेवन न करें।
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