4 दिस॰ 2021

टंट्या भील कौन था जानिए।

Tantya Bhil
टंट्या भील निमाड़ क्षेत्र के घने जंगलो में पला बड़ा था वे आदिवासियों का मशीहा थे। इनका जन्म 20 अक्टूबर  1842 में हुआ था । उन्हें लोग टंट्या मामा कहते थे क्योकि वे धनी अंग्रेजो का मॉल लूटकर गरीबों में बाट देते थे साथ ही गरीब बेटियों की शादी करवाते थे। भारत में उन्हें लोग आदिवाशियों का " Robin hood "  कहते थे। ( रोबिन हुड विदेश में कुशल तीरंदाज और तलवार बाज थे जो आमिर लोगो का धन लूटकर गरीबो में बाटते थे। ) अंग्रेजो से उन्होंने करीब 12 साल तक अपनी मातृभूमि की स्वतंत्रता , संस्कृति और परम्पराओं की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी। वे इतने चतुर और चपल थे की अंग्रेज उन्हें 7 साल तक नहीं पकड़ पायी। अंत में उन्हें 1888-89 में राजद्रोह के केस में गिरबदार कर लिया गया और जबलपुर अदालत में पेस किया गया और 19 oct 1889 को उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। महू के पास पातालपानी में उन्हें गोली मार दी। जहां जननायक वीर पुरुष टंट्या मामा की समाधी बनाई गई। यहाँ से गुजरने वाली ट्रैन आज भी रूककर सलामी देती है। इस टंट्या भील ( TANTIYA BHEEL ) फिल्म भी बनाई जा चुकी है। जिसके एक्टर व डायरेक्टर मुकेश RK चौकसी थे इस फिल्म में टंट्या भील के गुरूजी का किरदार सुप्रसिद्ध अभिनेता कादरखान ने निभाया था।
आज शिवराज सरकार ने इंदौर के फेमस भवरकुआं चौराहा का नाम बदलकर टंट्या मामा चौराहा कर दिया है वही पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम भी बदलकर टंट्या मामा रेलवे स्टेशन कर दिया है। 

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