आदिवासी अपनी आवाज बुलंद करने के लिए अंग्रेजों के समय सेआज तक संघर्ष कर रहे है।आदिवासी भारत ही नहीं विश्व के अनेक देशो में निवास करते है। वे अपनी जल जमीन और अधिकारों जैसे 5 वी और 6 टी अनुसूची को लागु करने के लिए सालो से संघर्ष कर रहे। आदिवासी खुद अपने आप अपना इतिहास लिखता आ रहा है।राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने 9 अगस्त को मनाये जाने वाले आदिवासी दिवस को पुरे देश में मानाने के लिए केंद्र सरकार से मांग की साथ ही उन्होंने आदिवासी नेता जयपाल मुंडा की जयंती मनाने की मांग भी की। आदिवासियों की लड़ाई में कई आदिवासी नेताओ ने अपना बलिदान दिया जैसे - भीमा नायक , बिरसा मुंडा ,राणा पुंजा भील और टंट्या मामा।
आदिवासी कौन है।
आदिवासी कोई जाती या धर्म नहीं है। आदिवासी उन सभी जातियों का समूह है जो अनादि काल से भारत और विदेशो में निवास करते आ रहे है। इन जातियों में भील , मुंडा , भिलाला , गरासिया , गोंड , हल्बा ,उराव , कवर आदि इन सभी जातियों के लोगो को आदिवासी कहा जाता है।
आदिवासियों के नारे।
- एक तीर एक कमान - आदिवासी एकसमान।
- जय जौहर का नारा है - भारत देश हमारा है।
- जंगल जमीन किसकी है - हमारी है हमारी है।
- जंगल जमीन की रक्षा कौन करेगा - हम करेंगे हम करेंगे।
- सविधान की रक्षा कोन करेगा - हम करेंगे हम करेंगे।
- सविधान से छेड़खानी करना - बंद करो बंद करो।
- किसानो का शोषण - बंद करो बंद करो।
- समान शिक्षा - लागु करो लागु करो।
- पांचवी छटवीं अनुसूची - लागू करो लागू करो।
- आदिवासी सस्कृति - जिंदा बाद जिंदा बाद।
- पर्यावरण की सुरक्षा कौन करेगा - हम करेंगे हम करेंगे।
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