13 नव॰ 2020

लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकारिता है तो अन्य तीन कोनसे है।

 लोकतंत्र क्या है( What is democracy)
 
" एक ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लोगों का शासन चलता है लोकतंत्र या Democracy कहते है "
एक देश को समृद्ध और खुशहाल बनाने के लिए लोकतंत्र के चारो  स्तभों को सुचारु रूप से कार्य करना जरुरी है तभी हम लोकतंत्र को बचा सकते है इसमें पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया है इस स्तंभ में कार्य करने वाले सभी लोगों जैसे - Media , Newspaper , Magazines , Television , Radio आदि में काम करने वाले लोगों को निष्पक्ष सुचना देना चाहिए। देश में कानून बनाना और उसे क्रियान्वित करना व उसका गलत इस्तेमाल करना इन सभी की पारदर्शिता का काम पत्रकारिता का होता है। इसलिए ( पत्रकारिता ) मीडिया लोकतंत्र की रक्षा में अहम भूमिका निभाता है।
journalism is the fourth pillar of democracy what is the other 3

लोकतंत्र के चार स्तंभ है

  1. विधायिका (Legislature)  - यह लोकतंत्र का पहला स्तंभ है इसमें जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से विधायक चुने जाते है और विधायको द्वारा उच्च अधिकारी चुने जाते है जो कानून बनाते है जो जनता और शासक के हित मे होते है ।
  2. कार्यपालिका (Executive) - यह लोकतंत्र का दूसरा स्तंभ है जिसमें विधायिका द्वारा बनाया गया कानून का क्रियान्वयन बिना किसी दबाव के कराना कानून को लोगो तक पहुचना कार्यपालिका का काम होता है ।
  3. न्यायपालिका (Judiciary) - यह लोकतंत्र का तीसरा स्तंभ है इसमें विधायिका द्वारा बनाए गए कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए दंड दिया जाता है क्योंकि कानून सब के लिए समान होता है चाहे वो गरीब,अमीर या रास्त्रपति ही क्यो न हो।
  4. पत्रकारिता (Media) - यह लोकतंत्र का चौथा और अंतिम स्तंभ है जिसमे उपरोक्त तीनो स्तंभों की निगरानी चौथे स्तंभ द्वारा की जाती है इसमें क्या विधायिका सही कानून बना रही है ,क्या कार्यपालिका कानून का सही क्रियान्वयन कर रही है या न्यायपालिका सही न्याय दे रही है इन सभी की जानकारी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ द्वारा जनता को और शासक को बताई जाती है इस लिए पत्रकारिता का लोकतंत्र में अहम भूमिका होती है ।
भारत एक लोकतांत्रिक देश है देश को आत्मनिर्भर बनाने और सुचारु रूप से चलाने के लिए इन चारो स्तम्भों को देश हिट में कार्य करना चाहिए। लोकतंत्र में अगर किसी भी एक स्तंभ पर खतरा होता है तो उसका सीधा प्रभाव लोकतंत्र पर पड़ता है।  

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