केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सूचना प्रशारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर नई शिक्षा नीति-2020 की जानकारी दी। भारत में 34 साल बाद नई शिक्षा नीति लागु की जा रही है।इससे पहले 1986 में शिक्षा निति लागु की गई थी जिसे 1992 में संशोधन किया गया था। नई शिक्षा नीति का मसौदा पूर्व इसरो प्रमुख कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली एक समिति ने तैयार किया जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने 29 जुलाई 2020 को मंजूरी दे दी। नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई सारे बड़े बदलाव किए गए। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर अब नाम शिक्षा मंत्रालय कर दिया है जिससे अब रमेश पोखरिया निशंक देश के शिक्षा मंत्री होंगे। नई शिक्षा नीति 2020 के लिए एक National Education bill तैयार किया गया है जिसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे संसद में पेस किया जायेगा। और अंत में यह कानून में बदल जायेगा जिसे राज्य सरकारे अपने अनुसार लागु करेगी।
नई शिक्षा नीति -2020 के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- अब तक स्कूल की शिक्षा 10 + 2 के फॉर्मेट में चलती थी। लेकिन अब यह 5 + 3 +3 + 4 के फॉर्मेट में चलेगी।
- स्कूल के पहले 5 वर्ष की पढाई Foundation Stage की रहेगी। इसका पाठ्यक्रम ( Curricular ) ENCRT द्वारा तैयार किया जायेगा। जिसमे Pre Primary के 3 वर्ष और पहली ,दूसरी कक्षा का एक एक वर्ष शामिल होगा। इन कक्षाओं में खेलकूद और अन्य गतिविधियों की पढाई भी होंगी। इसके बाद कक्षा 3 से 5 वी कक्षा में छात्रों को विज्ञान , गणित , कला ,सामाजिक जैसे विषयों के बारे में पढ़ाया जायेगा।
- और इसके अगले 3 वर्ष मिडिल stage मानेजाएगे। इसमें कक्षा 6 से लेकर कक्षा 8 तक के छात्र शामिल होंगे। इस स्टेज के छात्रों को तय पाठ्यक्रम के मुताबिक पढ़ाया जायेगा।
- बाद में 9 वी क्लास से 12 वी क्लास में 4 वर्षो वाली आखिरी स्टेज होंगी जिसमें छात्रों को किसी विषय के प्रति गहरी समझ और उनकी विश्लेशण क्षमता को बढ़ाया जायेगा ,साथ ही जीवन में बड़े लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रेरित किया जायेगा।
- अब स्कूलों में Stream System ख़त्म हो जायेगा जैसे अगर Art का student ( छात्र ) physics की पढाई और Account का छात्र History की पढाई भी साथ में कर सकेगा लेकिन इसके लिए अलग अलग विषयों का पुल ( समूह ) तैयार किया जायेगा। उसी मेसे छात्र विषय चुन सकते है जैसे अगर विज्ञान के छात्र को अगर history में रुचि हो तो वह history तभी ले सकता है जब विज्ञान के समूह में history विषय हो।
- अब 5 वी तक की पढाई मात्र भाषा ,स्थानीय भाषा और राष्ट्रभाषा में ही कर सकेंगे और अंग्रेजी भाषा की पढ़ाई की अनिवार्यता नहीं होंगी। आप अपने बच्चो को मराठी , संस्कृत , गुजराती या लोकल भाषा में पढ़ा सकते है। अंग्रेजी अब एक विषय के तोर पर पढ़ाई जाएगी।
- छात्रों को 6 टी क्लास से ही चीन की तर्ज पर कंप्यूटर कोडिंग सिखाई जाएगी जिससे छत्र छोटी उम्र में ही मोबाइल एप्लिकेशन और सॉफ्टवेयर बनाना सीखेंगे।छटी कक्षा में ही छात्र को अगर किसी विषय में रूचि हो और प्रैक्टिकल नॉलेज लेना चाहते है तो वह इस विषय से सम्बन्धित फील्ड में internship कर सकते है जैसे अगर बच्चे की रूचि पेंटिंग में है तो वह किसी पेंटर के पास पढ़ाई के दौरान जा सकते है और यदि बच्चे की रूचि सॉफ्टवेयर में है तो किसी सॉफ्टवेर कंपनी में स्कूल की पढाई के दौरान ही इंटर्नशिप कर सकता है।
- 9 से 12 की कक्षाएं अब सेमेस्टर के आधार पर होंगी एक साल में परीक्षा होंगी और दोनों परीक्षाओं के अंक मिलाकर आपकी अंकसूची तैयार की जाएगी यानी कि छात्र को अब पूरे साल पढ़ाई करनी होंगी।
- बोर्ड की परीक्षाओं को आसान बनाया जाएगा साथ ही छात्रों की क्षमता पर ध्यान दिया जाएगा रटने की बजाय समझने पर ध्यान दिया जाएगा।
- अब छात्र का रिपोर्ट कार्ड 360 डिग्री assesment के आधार पर बनेगा यानी कि छात्र खुद को अपने अंक देंगे साथ ही शिक्षक और छात्र के सहपाठी भी उनका आंकलन करेगा ।
- 12 वी कक्षा में अगर किसी छात्र के कम नंबर होने पर उन्हें कॉलेज में एडमिशन नहीं है ऐसे में छात्र CAT ( Common Aptitute Test ) ( 12 वी कक्षा के नंबर जोड़कर ) देकर भी अपने मन चाहे कॉलेज में ऐडमिशन ले सकते है।
- Grajution की पढाई को अब 3 और 4 वर्ष के कोर्स duration में विभाजित कर दिए जायेगे।पहले अगर आप ग्रेजुशन की पढाई बिच में ही छोड़ देते है तो उन्हें डिग्री नहीं मिलती थी इसके लिए या तो पूरी पढाई करे या पढ़ाई बिलकुल न करे। लेकिन नई शिक्षा लागु होने के बाद अगर आप एक साल तक पढाई करते है तो आपको Certificate दिया जायेगा। इसी प्रकार आप यदि दो साल की पढाई की है तो आपको Diploma दिया जायेगा। और 3 साल की पढाई में Bachelor degree मिलेगी। साथ ही अगर आप 4 साल की पढाई कर बैचलर डिग्री लेना चाहते है तो आपको रिसर्च के साथ बैचलर डिग्री मिलेगी। इसमे ऐसे छात्रों को फायदा होगा जो कॉलेज की पढ़ाई के साथ साथ किसी अन्य प्रोजेक्ट पर काम करते है ।
- 4 वर्ष की पढ़ाई के बाद अब कॉलेज के छात्र भी स्कूल के छात्रों के समान अलग अलग विषयों की पढ़ाई कर सकेंगे और छात्र जब चाहे पढ़ाई छोड़ सकेंगे। इस व्यवस्था Multi Entry और Multy Exit कहते है ।
- एक bank of cradit बनाया जाएगा जिसमे जितने भी कोर्स आप एक साथ करना चाहेंगे कर सकेंगे और जिन कोर्स को जहा तक किया उनके अंक इस क्रेडिट बैंक में जमा हो जायेगे और जब आप फाइनल कोर्स करेगे तो उस क्रेडिट के अंक भी जोड़ दिए जाएंगे।
नई शिक्षा नीति -2020 के लक्ष्य
- अब जीडीपी का 6 प्रतिशत शिक्षा में लगाने का लक्ष रखा गया है जो अभी 4. 43 है।
- 3 से 18 आयु वर्ग के सभी बच्चो को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा 2030 तक देने का लक्ष रखा गया।
- उच्च शिक्षा में 3.5 करोड़ नई सीटें जोड़ी जाएगी साथ ही 2035 तक 50 प्रतिशत GER ( Gross Enrolment Ratio ) पहुंचाने का लक्ष्य है।
- 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100 % Gross Enrolment Ratio के साथ मिडिल स्कूल स्तर तक एजुकेशन फार ऑल का लक्ष्य है।
- स्कूल से अभी दूर रह रहे 2 करोड़ बच्चों को इस नई शिक्षा नीति 2020 की मुख्य धारा में लाएंगे इसके लिए स्कूल के बुनियादी ढांचे का विकास और नवीन शिक्षा केन्द्रो का निर्माण किया जायेगा।
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