हर साल 18 अप्रेल को World Heritage Day मनाया जाता है। इस दिन विश्व की धरोहरों चाहे वह सांस्कृतिक प्राकृतिक या मानव निर्मित हो के सरक्षण के लिए खास प्रयास करता है और उन धरोहरों को बेहतर बनाता है इसी बीच भारत के केंद्रीय पर्यावरण ,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर बताया की इस साल की (2020) theme'सांझा संस्कृति ,सांझा विरासत और सांझा जिम्मेदारी"("Shared Culture,Shared Heritage And Shared Responsibility" )है जो वैश्विक एकता के लिए एक अभिव्यक्ति है।इस साल COVID-19 महामारी के कारण संगठन ने इंटरनेट के माध्यम से विश्व धरोहर दिवस मानाने का फैसल किया है। वर्तमान में यूनेस्को के महानिदेशक आंद्रे अजोले 13 अक्टूबर 2017 से कार्यरत है और इनके पहले इरिना बोकिया थी। इसके ब्रांड एम्बेसडर मेक्सिको के एड्रेस रोमेर है। इसके पहले यूनेस्को में भारत के दो ब्रांड एम्बेस्डर मदनजीतसिंह ( 2000 ) और सनी वर्की ( 2012 ) मे रह चुके है। यूनेस्को मे 193 सदस्य देश है जिनमें 11 सहयोगी सदस्य देश और 2 पर्यवेक्षक सदस्य देश भी सम्मिलित है।
विश्व धरोहर सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्व के स्थल होते है जो ऐतिहासिक और पर्यावरण के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होते है इन्हे सुरक्षित रखने के लिए यूनेस्को (UNESCO) हर वर्ष 18 अप्रेल को वर्ल्ड हेरिटेज डे मानाने को कहता है। ऐसा कोई भी स्थल जिसे यूनेस्को समझता है की यह मानवता के लिए जरुरी है वहा का सांस्कृतिक और भौतिक महत्व है उसे ही विश्व धरोहर की सूची मे मान्यता दी जाती है।
विश्व धरोहर की शुरुआत
Tunisia मे International Council of Mountains द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में 18 अप्रैल 1982 को विश्व धरोहर दिवस मनाने का सुझाव रखा गया जिसे कार्यकारी समिति ने मान लिया और नवंबर 1983 मे यूनेस्को के सम्मलेन के 22 वे सत्र मे हर साल 18 अप्रैल को World Heritage Day मनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया।
विश्व धरोहर सरक्षण
विश्व की किसी भी धरोहर को संरक्षित करने के लिए दो संगठन अन्तर्राष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद् और विश्व संरक्षण संघ द्वारा आकलन किया जाता है। उसके बाद विश्व धरोहर समिति से सिफारिश की जाती है यही समिति निर्णय लेती है की किसी नामांकित संपदा को विश्व धरोहर की सूची में रखना है या नही।यूनेस्को एक ऐसी संस्था है जो ऐतिहासिक प्राकृतिक और मानव निर्मिता
- यूनेस्को ऐसे कई स्थानों की खोज करता है जो मानव के लिए महत्वपूर्ण है और उन्हें अंतरास्ट्रीय संधि और कानून की मदत से संरक्षण प्रदान करते है।
- यूनेस्को शैक्षिणिक कार्यक्रम जैसे साक्षरता दिवस, होलोकॉस्ट जागरूकता कार्यक्रम बच्चों और शिक्षकों के लिए आवश्यक सामग्री ,प्रशिक्षण भी देता है।
- यूनेस्को जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता जैसे -मैन एंड द बायोस्फियर प्रोग्राम के द्वारा जागरूकता देता है।
- संयुक्त राष्ट्र संघ की टीम की रिपोर्ट "रिपोर्ट एटलस ऑफ़ द वर्ल्ड लैंग्वेज इन डेंजर "मे 2500 भाषाओं को खोजा जिनमे पिछले 4 सदियों से 200 से ज्यादा भाषाएँ लुप्त हो चुकी है।
खतरे मे धरोहरें
यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी ने 44 ऐसी धरोहरों को खतरे की सूचि में रखा है जिनमें -
- यरुशलम शहर एवं दीवार
- डोमेस्टिक रिपब्लिक ऑफ़ द कांगो की 5 धरोहरे
- अफगानिस्तान की बामियान वेली
- इजिक्ट का अबू मेना
- सीरियन अरब रिपब्लिक की 6 धरोहरे और कई देशों के नेशनल संरक्षित स्थल एवं नेशनल पार्क शामिल है।
यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची मे भारत की धरोहरें(35)
- आगरा का किला ---> उत्तरप्रदेश।
- जयपुर सिटी ---> राजस्थान।
- अजंता की गुफाएं ---> महाराष्ट्र।
- सांची के बौद्ध स्तूप ---> मध्यप्रदेश।
- चम्पानेर - पावागढ़ पुरातत्व उद्यान ---> गुजरात।
- छत्रपति शिवजी टर्मिनस ---> महारष्ट्र।
- पुराने गोवा के चर्च ---> गोवा।
- एलिफेंटा की गुफाएं ---> महाराष्ट्र।
- एलोरा की गुफाएं ---> महाराष्ट्र।
- फतेपुर सीकरी ---> उत्तरप्रदेश।
- चोल मंदिर --->तमिलनाडु।
- हम्पी के स्मारक ---> कर्नाटक।
- पत्तदकल के स्मारक ---> कर्नाटक।
- हुमायुँ का मकबरा ---> दिल्ली।
- काजीरंगा राष्ट्रीय अभयारण ---> असम।
- केला देव राष्ट्रीय उद्यान ---> भरतपुर राजस्थान।
- खजुराहो के मंदिर और स्मारक ---> मध्यप्रदेश।
- महाबोधि मंदिर ---> बोध गया बिहार।
- मानस राष्ट्रीय अभ्यारण ---> असम।
- नंदा देवी राष्ट्रीय अभ्यारण और फूलों की घाटी ---> उत्तराखंड।
- कुतुबमीनार ---> दिल्ली।
- भीम बेटिका के प्रस्तरखंड ---> मध्यप्रदेश।
- कोणार्क का शिव मंदिर --->उड़ीसा।
- सुंदरवन राष्ट्रीय अभ्यारण --->पश्चिम बंगाल।
- ताजमहल 1984 ---> आगरा उत्तरप्रदेश।
" विश्व धरोहर दिवस का उद्देश्य स्मारकों की सुंदरता की पहचान करना और जड़ों से उनकी पहचान को संरक्षित करना है। ""अपने स्मारकों से प्यार करें ,वे एक संमृद्ध सभ्यता का हिस्सा है और एक बीते युग के बारे में बोलते है "
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